क्या बोले? उमर?
भिया बयालीस के हो गए हैं अपन
देखते देखते टाइम निकल गया भिया
अरे काहे का जवान
बड़ी वाली इलेवन्थ में छोटा पाँचवी में भिया
शादी को समझो बीस साल
बस अब अपना हो गया
अब तो जो देखना है बच्चों का देखना है भिया
मैं तो बड़ी वाली को बोल दिया हूँ भिया
जो तुम्हारा मन है लाइफ़ में वही करो
जिसमें बनाना है करियर बनाओ
लेकिन पहले इंजीनियरिंग कर लो
उसके लिए उसको कनविन्स कर लिया हूँ
उसको भी समझ आया न भिया
क्या है एक बेस मिल जाता है
कि कुछ और नई भी की तो इंजीनियरिंग के दम पे
नौकरी तो मिलनाइच्च है
अपने यहाँ सब एकदम फ्री माइंड के हैं भिया
शादी होतेइच्च मम्मी बोली मेरी वाइफ़ को
जीन्स पहन, सूट पहन तेरी मर्ज़ी
बस गाँव से रिश्तेदार लोग आएँगे
तो साड़ी पहनना और घूंघट रखना पड़ेगा
और वाइफ़ में भी बहुत परिवर्तन आया है
माने सुरू में आई थी तो बिना नहाए किचन में चल देती थी
फिर मम्मी समझाई उसको धीरे-धीरे
अब सुधर गई है
मेरे को क्या है भिया, नहाओ चाहे मत नहाओ
लेकिन मैं बोला माँ तेरे को इतना फ़्रीडम दे रही है
तो तू भी थोड़ा निभा के चल
साल में एक बार बाहर जाता हूँ भिया
नार्थ पूरा हो गया मेरा
साउथ में केरल छोड़ के सब हो गया
गोवा तो कई बार हो गया है
गोवा में मैं तो इसको बोला, रेड वाईन तो पी ही सकती है
चखी भी है वो, लेकिन उसको जमा नई
मेरे को बोली तुमको पीना है पियो
खाना है खाओ
लेकिन घर में कुछ नई लाना
अपन भी संतुलन बना के चलते हैं न भिया
फ्रायडे को फ़िक्स है मेरा
सनीचर और मंगल नई चलता ना
फ्रायडे को दुकान बन्द किया,
दोस्त के साथ गाड़ी में लिटिल लिटिल लगाया
घर आया, खाना खाया, सो गया
संडे को दुकान बंद, मतलब बंद
कोई मतलब नई है भिया
और कितना भागना है
मैं तो भगवान को इतनाइच्च बोलता हूँ
जो दिए हो वो वापस मत लेना
जो है बहुत है
वोइच्च चलता रहे
कमाने के लिए कमा लोगे
लेकिन लेके ऊपर थोड़ी जाओगे
माँ को चारों धाम करा दिया हूँ भिया
चारों कुम्भ भी करवा दिया हूँ
वृंदावन में अपने महाराज हैं
साल में एक महीना वहीं रहती है
अब मैं बोला उसको बुढ़ापे में अपने हिसाब से जीने दो
बोली अयोध्या भी जाना है
मैं बोला अपन सब जाएंगे
बस थोड़ा रुक जा
पहला साल है ना भिया
फिर भीड़ थोड़ा कम हो जाएगी
तो अपन आराम से दरसन भी करेंगे
और तब तक मन्दिर भी पूरा बन जाएगा
बस बच्चे सेटल हो जाएँ
और इतना रहे कि कुछ कमी ना हो
बुढ़ापे में किसी पे लदना नहीं है अपन को
आज अपन माँ बाप की सेवा कर रहे हैं
अपनी कोई नई करेगा भिया
हाथ पैर चलता रहे बस
हौ ना!
रात को मैं चावल नई खाता भिया
वाइफ़ को बोला मेरे को ज्वार की रोटी बना दिए कर
दारू भी कम कर दिया हूँ भिया
पहले रोज का था
अभी केवल फ्रायडे
एक लिमिट में हर चीज सही है भिया
डॉक्टर भी बोलता है कि हार्ट के लिए थोड़ा लेना चिये
अति किसी भी चीज की खराब है
जिम उम से अपन को क्या करना भिया
लौंडे तो रहे नहीं अपन कि बॉडी बनाना है
वाकिंग अपन रोज करते हैं
हर संडे दोस्तों के साथ तीन घंटा क्रिकेट
उतना बहुत है भिया
हम लोग का जो डिस्ट्रीब्यूटर है ना
उसके तरफ़ से एक बार बैंकाक गया था भिया
मतलब आना-जाना रहना खाना फ्री
ऊपर का खर्चा अपना
ही ही ही
अब समन्दर में जाओगे तो डुबकी तो लगाओगे ना
बोलना मत भिया किसी को
आप भी चलोगे तो बोलो ना
अब तो मेरे को पूरा समझ आ गया है
कहाँ जाना है, कैसे क्या करना है
मिलने के लिए तो आजकल इंडिया में सब है भिया
लेकिन जो जिधर का अच्छा है
उधर का ही अच्छा रहेगा ना
रशियन वशियन जो बोलो भिया
आप एक बार प्लान तो बनाओ
ड्यूटी फ्री से मैं लाया था ना भिया
सिंगल माल्ट लाया था
दोस्त के यहाँ रखवा दिया था
अरे मैं तो ला दूंगा आपके लिए
लेकिन आप चलो ना साथ में
दोनों भाई जाएंगे
चिन्ता मत करो भिया
वहाँ का राज़ वहीं डुबा देंगे
ही ही ही
– हितेन्द्र अनंत