संगीत, समाज

“कमल की वखत तो केवल कमल जानता है। सागौन जो यहाँ लगे हैं, इनको क्या मालूम कमल की वखत?

*** “कमल की वखत तो केवल कमल जानता है। सागौन जो यहाँ लगे हैं, इनको क्या मालूम कमल की वखत?” ***

“आप गाते हैं कि माला, मुद्रा, छाप, तिलक, व्रत आदि सब छोड़ने की बात #कबीर साहब करते हैं। लेकिन महंत बनकर जब आप खुद चौका-आरती करते हैं तो यह क्या है?”
स्टैंफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रोफेसर लिंडा हेस यह सवाल खालिस हिन्दी में पूछती हैं, प्रख्यात कबीरपंथी गायक श्री प्रह्लाद टिपानिया से।

#टिपानिया जी जवाब देते हैं:

“आप उसके अंदर जाकर जब काम करेंगे तो पता चलेगा। भई जिन लोगों के अंदर चौका आरती के प्रति जो श्रद्धा बनी हुए है, उस श्रद्धा को आप ठुकराओगे तो आपको कौन मानेगा?

सवाल केवल यह है कि जो व्यवस्थाएँ हैं, उन व्यवस्थाओं के भीतर जो बुराइयाँ आ गयी हैं उन बुराइयों को आप कैसे दूर करेंगे?”

लिंडा फिर पूछती हैं – “दो रास्ते हैं, एक तो यह कि धर्म, परम्परा सब छोड़कर, ऊपर से, शिखर से, जगदर्शन का मेला देखें, या दूसरा यह कि हम परम्परा के अंदर, उस धार्मिक समाज के अंदर जाकर उसको बदलने की कोशिश करेंगे, तो वो दूसरा रास्ता आपने चुन लिया।”

टिपानिया जी कहते हैं:

“देखिए, हम इस भौतिक संसार के कीचड़ में फँसे हुए हैं, और बात हम ठेठ ऊपर की कर रहे हैं तो बहुत अच्छी बात है। वो इसलिए कि उस कीचड़ से आप ऊपर उठ गए हैं और फिर उस कीचड़ की या पानी की बूँद आप पर नहीं ठहरेगी। परन्तु कब? जब कमल बनोगे तब। और कमल हमेशा पानी के अंदर रहकर ही ऊपर आता है।

तो इसी तरह से किसी भी चीज़ के बोध के लिए आपको उसके अंदर जाना पड़ेगा। और उस कीचड़ के अंदर से जब आप ऊपर आएँगे तो तो कीचड़ वाले समझेंगे कि अरे बाप रे! ये हमारा आदमी था, हमारे बीच पैदा हुआ, लेकिन अब इसके भीतर ये ठहर क्यों नहीं रहा पानी? तो आपको उसमें रहकर तो उसके ऊपर आना पड़ेगा बाहर। पर ये कब होगा? जब आप उनके बीच में रहेंगे तब। आप सोचो कि आप तालाब के किनारे से बाहर ही रह गए तो आपको क्या मालूम पडेगा? और वो लोग क्यों मानें आपको? कमल की वखत तो केवल कमल जानता है। सागौन जो यहाँ लगे हैं, इनको क्या मालूम कमल की वखत?”
—–
यह और ऐसे बाकी महत्वपूर्ण संवाद इस डॉक्यूमेंट्री में हैं:

https://www.youtube.com/watch?v=K0ha9S2r-mI

लिखते समय संवादों को सुविधा हेतु बहुत थोड़ा सा बदला है।
– हितेन्द्र अनंत

Advertisement
मानक

एक उत्तर दें

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  बदले )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  बदले )

Connecting to %s